
नागदा - देवनागरी लिपि एक वैज्ञानिक लिपि है। विदेशियों ने हमारी संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया उन्होने हमारी भाषा एवं लिपि को मिटाने का घृणित कार्य किया। आज से हम प्रतिज्ञा करे कि सभी हिन्दी में हस्ताक्षर करें। गैर हिन्दी भाषियों में हिन्दी का प्रचार-प्रसार हो यह आवश्यक है। विदेशी अपनी भाषा के प्रयोग के कारण ही आज दुनिया में विकसित देश की श्रेणी में है। किन्तु हम हिन्दी का वह सम्मान नहीं कर रहे है जिसकी वह अधिकारी है। हिन्दी की लिपि अतिप्राचीन है इतिहास इसका साक्षी है। लेकिन विश्व स्तर पर इसकी जोरदार वकालात न होने के कारण यह संयुक्त राष्ट्र संघ में अनुवाद की भाषा नहीं बन पाई। उक्त विचार डाॅ. थावरचंद गेहलोत ने मुख्य अतिथि के रूप में वर्धमान महाविद्यालय,ं नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ’भारतीय भाषा एवं देवनागरी लिपि में नई संभावना’ विषय पर आयोजित नागरी लिपि संगोष्ठी में व्यक्त किए।
विदेशियों ने हमारी भाषा एवं लिपि को मिटाने का घृणित कार्य किया- गेहलोत camera iphone 8 plus apk |
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| People & Blogs | Upload TimePublished on 26 Feb 2017 |
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